Monday, October 26, 2015


About Film

Satya Prakash's POV'


गीता दो देशों के बीच का सांस्कृतिक प्रतीक है :
सरकार,ईडी फाउंडेशन, फिल्म और मीडिया को बहुत बधाई
कला इंसानों और राष्ट्रों के बीच पुल का काम करती है ! फिल्म " बजरंगी भाईजान " ने १५ सालों से पाकिस्तान में रह रही भारत की बेटी गीता को वापस लाने की प्रक्रिया को तेज़ किया !गीता का अपने वतन लौटना मोदी सरकार का अभी तक का सबसे खूबसूरत कदम है और इसके लिए दोनों देशों के विदेश मंत्रालय , विदेश मंत्री सुषमा स्वराज्य , दोनों सरकारें , दोनों मुल्कों की मीडिया, पाकिस्तान की ईडी फाउंडेशन और फिल्म " बजरंगी भाईजान" के निर्देशक कबीर खान की प्रशंसा के साथ-साथ बधाई!
प्रधानमंत्री का गीता के सर पर हाथ रखकर आशीर्वाद देना भी मन को छू गया ! लगा कि वे इस देश के प्रधानमंत्री होने के साथ एक अभिभावक भी हैं !
इसीलिए कला और संस्कृति की भूमिका बहुलतावादी समाज और राष्ट्र में गहरे तौर पर व्यापक होती है ! उनकी विभिन्नता और एकता से सांस्कृतिक धरोहर का सौंदर्य और भी पुष्पित और पल्ल्वित होता रहता है ! इसीलिए ज़रूरी है कि हर तरह का साहित्य, संगीत , पेंटिंग्स , फिल्म्स आदि कलाओं की स्वतंत्र सत्ता होना चाहिए अर्थात कला-संस्कृति के स्वायत्ता पर नियंत्रण न हो !
Geeta : a cultural metaphor of two countries: 
Congratulations to Governments,Eedi Foundation,Film & Media
Art connects human-beings and nations.Film" Bajrangi Bhaijaan" has worked as an art-catalyst to intensify the process of return of India's daughter Geeta who has been living in Pakistan for fifteen years under empathetic care of Eedi Foundation.This is , of course, a appreciative step of both governments.
I admire and congratulate for this Samaritan act of Governments,Foreign Ministers,Media of both countries, Foundation and director Kabir Khan of film " Bajrangi Bhaijaan."
Geeta blessed by Prime Minister by putting his hand on her head has swiveled my heart and I found him as a guardian too
Therefore the role of art and culture profoundly influence society and nation, that enlivens the beauty of diversities that bridge various thoughts and culture in pluralistic society that is the great strength of cultural ethos.Therefore, it is obvious to encourage a free entity of various literature,music, paintings, films and other forms art that must progress boundlessly in autonomous atmosphere.

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