Sunday, December 17, 2017




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Satya Prakash's POV




मनु से फिल्म " पद्मावती" पर बातचीत 

अभी अभी १७ साल के मनु से बातचीत हुयी ! ग्वालियर का लड़का है ,छात्र है और संजय लीला भंसाली की फिल्म " पद्मावती" के विरोध में वव्हात्सप्प परमेस्सगे भेजा ! बेरोज़गार ग्रुप में मुझे भी डाल दिया है, सच भी है फ्री लांसर तो बेरोज़गार ही होते हैं ! खैर मनु के पोस्ट पर मैंने टिप्पणी कर दी कि पहले फिल्म देखिये ! विरोध का तोड़-फोड़ का रास्ता गलत है ! उसने मेरा नाम पूछा, बता दिया ! मैं इस उम्र के बच्चे का आक्रोश सुनना चाह रहा था !मनु बहुत ही शालीन मिजाज़ का लगा ! उसकी बातों में गुस्सा था ! बहुत सारी बातों को लेकर वो भ्रम में रहा ! जैसे उसने कहा कि रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण के बीच हॉट सन है ! इस फिल्म में तो कतई नहीं है ! अभिनेता रणवीर सिंह ने दीपिकाके साथ हाल में दो-तीन फिल्में कि है जो उनदोनों के बीच के प्रेम-प्रसंग को लेकर रणवीर ने मस्ती में कुछ कह दिया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया ! दोनों का हॉट सीन फिल्म गोलियों की रासलीला : रामलीला और " बाजीराव मस्तानी" में है ! रणवीर और दीपिका के उस हॉट सीन की बातचीत को संजय लीला भन्साली की पद्मावती" से जोड़ दिया गया है ! इस फिल्म में श्रीलंका की राजकुमारी पद्मावती और चित्तौरगढ़ के राजा रत्नसेन के बीच का प्रेम का चित्रण स्वाभाविक है ! राजा रत्नसेन की भूमिका शाहिद कपूर ने की है ! यहाँ भ्रम उत्पन्न होता है !

फिल्म "पद्मावती" सिर्फ रानी पद्मावती की कहानी है ,उनकी प्रतिष्ठा, उनके राज्य कुल की सारी गरिमा को निर्देशक भंसाली ने फिल्म में बहुत अच्छी तरह से छायांकन किया है ! फिल्म का उच्च-स्तरीय निर्माण चित्तौड़गढ़ के राजमहलों और पोशाकों पर शोधपरक ध्यान रखा गया है ! गहने, जेवरात, झूमर और महलों की दीवारों पर रंग-रोगन और उत्कीर्ण तस्वीरें, संकेत और रात्रिकालीन रौशन की भव्यता का खयाल रखा गया है ! एक-एक चरित्र को ऐतिहासिक परिवेश के इंसानों में पैबस्त करने के लिए निर्देशक भंसाली ने दी-रात एक कर दिया तब जाकर ये फिल्म बनी है ! ये फिल्म मूलतः रानी पद्मावती के इर्द-गिर्द घूमती है ! 
मनु ने सवाल उठाया कि इसमें अलाउद्दीन खिलजी को बड़ा किरदार दिया गया है ! ये भी भ्रम पैदा करता है ! फिल्म " पद्मावती" के तीन मज़बूत किरदार हैं : राजा रत्नसेन ,पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी ! अलाउद्दीन खिलजी इस फिल्म में खलनायक है , नकारात्मक भूमिका में है , विध्वंसक है , रानी पद्मावती कि सुंदरता पर पागल, दीवाना और वहशी था ! दिल्ली सल्तनत ही उसकी ताकत थी और देश के रजवाड़े के साथ उनकी अपनी शर्तों पर दोस्ती थी ! हर राजा अपनी सत्ता के प्रसार के लिएकुछ भी करता है ..मतलब युद्ध की सीमा तक जाताहै और दोनों तरफ से लोगों की हत्या होती है ! अब राजतन्त्र नहीं है तो उसकी फिल्म देखते हैं ! देश में लोकतंत्र है , इसीलिए हम फिल्म बनाते हैं और उसका विरोध भी करते हैं ! "पद्मवती" दो राजाओ के बीच की कहानी है , दो राजतंत्रों की कहानी ! दो राजतन्त्रोंके मर्यादा और पौरुष की चलगाथा है ! रानी "पद्मावती" राजा रत्नसेन की अन्य रानियों के साथ जौहर करती है ! तटस्थ होकर इतिहास को देखना चाहिए और फिर उसकी आलोचना और समालोचना होना चाहिए ! तोड़-फोड़ , अराजकता है ! 
मनु को मैने कहा कि इस फिल्म का नायक-नायिका रत्नसेन और पद्मावती है ! प्रबंध-काव्य "पद्मावत" में राजा रत्नसेन की पहली पत्नी --पटरानी रानी नागमती थी जिसकी विरह-वेदना की मार्मिकता को कविता के काव्य के रचना-विधान में कवि मालिक मोहम्मद जायसी ने बखूबी पिरोया है !

मनु अलाउद्दीन खिल जी के खलनायक होने पर शांत हुए ! आवाज़ में गंभीरता आ गयी थी ! कहा अगर आपने जैसी फिल्म की चर्चा की हैतो फिर विरोध तो नहीं बनता है लेकिन लोग तैयार है कि इसे सिनेमा हॉल में लगने नहीं देंगे.
मैंने कहा कि मनु , अब आप लोगों को समझा सकते हैं !
इस फिल्म को लेकर करनी सेना और कुछ दक्षिणपंथी राजनीतिज्ञों ने अपना हाथ खूब सेंका है !
कला , साहित्य और सिनेमा किसी भी देश का गौरव होते हैं लेकिन हिन्दुस्तान में अब ये उपद्रवी तत्वों के शिकार हो रहे हैं !
मेरे फिल्म के दोस्तों से कहना है कि जब आपलोग मुझे कहते हो , आप फिल्म से ज़्यादा राजनीति पर पोस्ट लिखते हो ! देखो ,आपकी फिल्मों का क्या हाल हो रहा है ? देखा आपने कैसे निर्देशक संजय लीला भंसाली को जयपुर में पीटा और उनके दूसरे सेट महाराष्ट्र में सेट में आग लगा दी ! फिल्म को , आप अपने को देश की राजनीति से अलग नहीं देख सकते ! इसीलिए आप भी आईये और कम से कम अपनी फिल्म ही बचा लीजिये !
मैंने मनु से कम से कम बात तो की !

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